जो बीत गई उसे क्यों भूलूँ


जो बीत गई उसे क्यों भूलूँ

जो बीत गई उसे क्यों भूलूँ ?
वही तो मेरी धरोहर है
जिस पर नाज़ करूँ इतना
 साक्षात्कार कराया मुझको
जीवन की सच्चाई से
पग पग मेरे संग चला
और किया आसान डगर
अब क्या हुआ जो सँग नहीं
उसकी यादें करें मार्ग प्रशस्त
करे हर मुश्किलों को आसान
जो मैं याद करूँ हर पल
चाहे मन में ही सही
वह तो मेरे सँग ही है
मैं ने भी तो किया प्रयास
शायद मेरा कुछ दोष ही हो
अब जो छूटा तो हताश हूँ मैं
पर मैं कैसे न स्मरण करूँ ?
माना वह अब करे विचलित
जिसको मैं याद करूँ हर पल
पर यह तो एक सच्चाई है
जो बीत गई उसे क्यों भूलूँ ?

-कुसुम ठाकुर -

15 comments:

chandan said...

behtarin aur lazawab

Dr. Ravi Srivastava said...

दिल को छू लेने वाली रचना.........आभार !

Vinay said...

बहुत प्रभावशाली रचना है
---
ना लाओ ज़माने को तेरे-मेरे बीच

निर्मला कपिला said...

सुन्दर कविता के लिये बधाई

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

कुसुम ठाकुर जी!
सुन्दर भावो से सजी रचना के लिए।
बधाई!

अमिताभ मीत said...

पर यह तो एक सच्चाई है ,
जो बीत गई उसे क्यों भूलूँ ?

Sahi hai. Aur bhoolna shaayad bas meN bhi nahiN hota hamesha.

Barthwal said...

बहुत सही कहा आपने..उसे क्यो भूले..कडवे पल ही मीठे के अह्सास को और बढाते है..

vikram7 said...

जो बीत गई उसे क्यों भूलूँ ?
वही तो मेरी धरोहर है ,
आति सुन्दर

श्यामल सुमन said...

खूबसूरत भाव की रचना कुसुम जी।

बीते कल से सीख नया और नयी नयी शुरुआत करें।
आने वाला कल का स्वागत नये जोश की बात करें।
भूत-भबिष्यत् काल कभी न रहा मनुज के वश में,
वर्तमान है केवल वश में अपने में जज्बात भरें।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

pushpa said...

is kabita ke saamne koi bhi sabad
choota par jaaye,kuch aisi hi yaadein jeevan ki takat hoti hai........
in taakto ko bhulaya nahi balki har pal jiya jaata hai......

Kusum Thakur said...

प्रतिक्रिया के लिए आप सभी स्नेही जनों का आभार।

anuradha srivastav said...

सुन्दर भाव-भीनी सी रचना........

हरकीरत ' हीर' said...

सुन्दर कविता...!!

रंजना said...

प्रेरणा देती भावपूर्ण अभिव्यक्ति...

M VERMA said...

पर यह तो एक सच्चाई है ,
जो बीत गई उसे क्यों भूलूँ ?
बीती हुई हर बात तो भूलती नहीं है
सुन्दर .. शानदार रचना