स्वतंत्रता दिवस के दिन छाया रहा शाहरुख खान

हमारे यहाँ विशिष्ट व्यक्तियों की लम्बी फेहरिस्त है और उन्हें जो सुविधायें दी जाती हैं उसका वह इतना आदी हो जाता है कि जब वह बाहर जाता है और उसे सुरक्षा जाँच से गुजरना पड़ता है या फिर नियम कानूनों का पालन करना पङता है तो वह उसे असह्य हो उठता है और उसे वह अपना अपमान समझता है। विशिष्ट व्यक्ति के साथ उसके बाल बच्चे, पूरे परिवार को ही विशिष्ट का दर्जा प्राप्त हो जाता है। उसकी किसी भी प्रकर की सुरक्षा जाँच करना तो दूर उसे अधिकार प्राप्त हो जाता है सारे नियमों कानूनों तोड़ने का।

विदेशो और खास कर अमेरिका की नक़ल करने वालों ने क्या कभी इस बात पर गौर किया है कि वहाँ हर नागरिक के लिए नियम क़ानून एक है, चाहे वह राष्ट्रपति के बच्चे ही क्यों न हों? कभी उसकी भी नक़ल करें। " वहाँ राष्ट्रपति की बेटी को भी शराब पीकर गाड़ी चलाने की जुर्म में २४ घंटे के लिए जेल में डाल दी जाती है। यहाँ जेल में डालना तो दूर क्या मजाल कि किसी विशिष्ट व्यक्ति को, उसके बच्चों या परिवार के किसी भी सदस्य को सुरक्षा के नाम पर छू भी सकें या क़ानून तोड़ने के जुर्म पर सज़ा दे सकें।

शाहरुख खान को नेवार्क हवाई अड्डे पर सुरक्षा जाँच के लिए कुछ घंटे रुकना क्या पड़ गया हमारे देश की आजादी के जश्न का समाचार ही फीका पड़ गया। सारा दिन हर समाचार चैनेल पर शाहरुख़ खान ही छाया रहा। स्वतंत्रता दिवस तो फ़िर अगले वर्ष भी मनाई जायेगी पर शाहरुख खान की गिनती अगले वर्ष विशिष्टो में हो न हो?

यदि सच में इतना ख़राब लगा तो कभी" टॉम क्रूज़"(Tom Cruis) या "ब्राड पिट"(Brad Pitt) को यहाँ के सुरक्षा अधिकारीयों को सुरक्षा जाँच करने का अधिकार देकर तो देखें या फ़िर उनकी सुरक्षा जाँच करके तो देखें ? मगर नहीं यहाँ "टॉम क्रूज़" और "ब्राड पिट" तो दूर किसी भी गोरी चमड़ी को देख लिया बस सारे के सारे यह भूल जाते हैं कि हमारी आम जनता के अधिकार क्या हैं और वे किस सुविधा के अधिकारी हैं । सारे के सारे आम जनता की असुविधाओं को भूल बस उनके पीछे लग जाते हैं।

4 comments:

vikram7 said...

शाहरुख खान को नेवार्क हवाई अड्डे पर सुरक्षा जाँच के लिए कुछ घंटे रुकना क्या पड़ गया हमारे देश की आजादी के जश्न का समाचार ही फीका पड़ गया। सारा दिन हर समाचार चैनेल पर शाहरुख़ खान ही छाया रहा।
हमारी मीडिया का भी जवाब नही?

Unknown said...

जब कलाम साहब का भी ऐसा ही अपमान हुआ था तब संसद में कहा गया था कि इस मामले को तूल देने की आवश्यकता नहीं है यह उनके नियम-कानून के तहत हुआ है, लेकिन अब शाहरुख खान प्रकरण के बाद अम्बिका सोनी कहती हैं कि हमें इस अपमान को नहीं भूलना चाहिये और अमेरिकियों से भी वैसा ही व्यवहार करना चाहिये… अर्थात सरकार की नज़र में कलाम साहब शाहरुख से नीचे हैं? या फ़िर कहीं ऐसा तो नहीं कि कलाम साहब को भाजपा ने राष्ट्रपति बनवाया था इसलिये वे मुसलमान नहीं रहे? रही मीडिया की बात, तो भारत का इलेक्ट्रानिक मीडिया और राखी सावन्त दोनों एक जैसे ही हैं - सी ग्रेड के, फ़ूहड़, बड़बोले और दो कौड़ी की औकात वाले…

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

Brad पिट मशहूर अभिनेता और एंजलिना जोली अब अगली बारी भारत आयें तब उनके सामान की जांच भी की जाए
और अमरीका अपनी आतंरिक सुरक्षा को सब से ऊपर रखता है उसी का उदाहरण , भारत भी करे __________________________________
दुबई , शारजाह जानेवाले हर यात्री की बैग से , इस्लाम के अलावा किसी भी धर्म पर आधारित चीज वस्तुएं , निकाल कर
फेंक दीं जातीं हैं ,
वह सुरक्षा नहीं
धार्मिक वर्चस्व दृढ रखने का रवैया भी भारत अपना ले तब और भी बढिया होगा क्यूं ?
A merican Govt - takes pride in putting Internal Security on top of its LIST as National priority.
No one is above the LAW as you said is correct.
- लावण्या

Vidya Mishra said...

Indian govt and people must realise the importance of security ...which is equal for everyone ....whether any political person or any leaders or Actors , never get influence based on your status .
Holding SRK at the Newark airport is not a big deal ....rather maintaining higher standard of the security and integrity of any country .
Its a good lesson for all of those who gives importance to the status of people on top of the security .
If any Actor or dignitaries comes to India , they forget how they were treated when they were abroad ...they forget their guidelines of security ....and any of the authority is ready to give their power of over ride ....

But we must understand ...and realise that there are some cases where one must not use their powers and maintain the higher standard of quality of security and sovernity of the country .
And one must go and think above and beyond their own personal interest and egos .