मिले तुमको ख़ुशी यही मन में सदा

(आज मेरे लिए एक विशेष दिन है . मन में कुछ बातें आईं, सोची शब्दों में पिरो दूँ. )

"मिले तुमको ख़ुशी यही मन में सदा "

हो तो दूर मगर लगे पास यदा 
हर ख़ुशी जो मिले यह आशीष सदा 

है कचोट कहूँ जो मैं हूँ न वहाँ 
है वो बात कहाँ जो कहूँ मैं यदा  

धरूँ धीर सदा फिर न पीर कमा  
लगे कुछ न सही यही रीत बदा

तप ज्यों मैं करूँ रहे क्यों न भला 
यही मन में मेरे है जो बात सदा 

कहूँ कुछ न भला लगे राज बला 
मिले तुमको ख़ुशी यही मन में सदा 

- कुसुम ठाकुर -  

12 comments:

विधुल्लता said...

"मिले तुमको ख़ुशी यही मन में सदा "
very nice and thoughtful... and today, after so many days, met u.. :)

Kusum Thakur said...

धन्यवाद विधु जी !!

Mithilesh dubey said...

beto ko janm divas ki bahut-bahut badhai

Udan Tashtari said...

विशेष दिवस पर बहुत बहुत बधाई.

बहुत उम्दा रचना!

Shekhar Kumawat said...

बहुत सुंदर भाव

girish pankaj said...

sundar bhav, sundar vichar....

M VERMA said...

विशेष अवसरों पर विशेष यह आपकी रचना
सुन्दर

Jandunia said...

काबिल-ए-तारीफ

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बहुत बधाई विशेष दिन की।

सुन्दर रचना है।

vandana gupta said...

bete ko janamdin ki bahut bahut badhayi..........aapki likhi rachna mein aapki duaa aur aapka pyar jhalak raha hai.

Anonymous said...

very nice thoughts very nice

प्रदीप मानोरिया said...

very nice thoughts very nice way