(आज मेरे लिए एक विशेष दिन है . मन में कुछ बातें आईं, सोची शब्दों में पिरो दूँ. )
"मिले तुमको ख़ुशी यही मन में सदा "
हो तो दूर मगर लगे पास यदा
हर ख़ुशी जो मिले यह आशीष सदा
है कचोट कहूँ जो मैं हूँ न वहाँ
है वो बात कहाँ जो कहूँ मैं यदा
धरूँ धीर सदा फिर न पीर कमा
लगे कुछ न सही यही रीत बदा
तप ज्यों मैं करूँ रहे क्यों न भला
यही मन में मेरे है जो बात सदा
कहूँ कुछ न भला लगे राज बला
मिले तुमको ख़ुशी यही मन में सदा
- कुसुम ठाकुर -