मुझको कब यह वक्त मिला

"मुझको कब यह वक्त मिला "

मुझको कब यह वक्त मिला
कि सोच सकूँ क्या है भला
और क्या बुरा मेरे जीवन
की इस तन्हाई मे ।

मैं कहाँ समझ पाई अपने
अन्दर के उन भावों को
और जो समझूं तो करूँ मैं कैसे
सिंचित उन ख्वाहिशों को ।

पाई ख़ुद को वीराने में
सोची उसको क्षणिक प्रपंच
जीवन का यह सफ़र भी लंबा
  लगता न  कम रेतीला ।

साथ मिला बस चन्द कदमों का
नेह तो अब भी हुआ न कम
साथ साथ तो चल न पाए
पथ प्रदर्शक बन गए हो तुम ।।

- कुसुम ठाकुर -

19 comments:

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

बहुत सुंदर कविता.....

Unknown said...

"साथ मिला बस चन्द कदमों का"

तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है अंधेरों से भी मिल रही रोशनी है ...

Barthwal said...

साथ साथ तो चल न पाये/पथ प्रदर्शक बन गये हो तुम.
सुंदर भाव लिये हुये शब्द.

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

साथ मिला बस चन्द कदमों का
नेह तो अब भी हुआ न कम
साथ साथ तो चल न पाए
पथ प्रदर्शक बन गए हो तुम ।।

बहुत सुंदर !

अजय कुमार said...

तन्हाई में भी वक्त नही मिला , सही है

अनिल कान्त said...

कविता के माध्यम से दिल की बात कही आपने

निर्मला कपिला said...

साथ मिला बस चन्द कदमों का
नेह तो अब भी हुआ न कम
साथ साथ तो चल न पाए
पथ प्रदर्शक बन गए हो तुम ।।
बहुत गहरे भाव लिये इस कविता के लिये बधाई

Anonymous said...

कम शब्दों में उम्दा।

rashmi ravija said...

मुझको कब यह वक्त मिला
कि सोच सकूँ क्या है भला
और क्या बुरा है मेरे जीवन
की इस तन्हाई मे ।
सच कहा है...वक़्त ही नहीं मिलता.जीवन की सच्चाइयों से रु-ब-रु होने का...सुन्दर रचना

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

"साथ मिला बस चन्द कदमों का,सुंदर भाव, शुभकामनाएं

स्वप्न मञ्जूषा said...

मुझको कब यह वक्त मिला
कि सोच सकूँ क्या है भला
और क्या बुरा है मेरे जीवन
की इस तन्हाई मे ।

साथ मिला बस चन्द कदमों का
नेह तो अब भी हुआ न कम
साथ साथ तो चल न पाए
पथ प्रदर्शक बन गए हो तुम ।।

सही है पथ प्रदर्शक बनना आसन है साथ चलना कठिन..
आप मेरे ब्लॉग पर आयीं मेरा हौसला बढाया...बहुत आभारी हूँ......

neelima garg said...

soft n sweet poem...

मनोज कुमार said...

साथ मिला बस चन्द कदमों का
नेह तो अब भी हुआ न कम

यह रचना बहुत अच्छी लगी।

Anonymous said...

भावपूर्ण कविता,
बधाई

Kusum Thakur said...

सभी चिट्ठाकार साथियों को प्रतिक्रया के लिए आभार !

Tulsibhai said...

" bahut hi badhiya rachana ...bahut sunder aur shandar abhivyakti "

------ eksacchai { AAWAZ }

http://eksacchai.blogspot.com

गौतम राजऋषि said...

एक बार फिर से कविता के लय-प्रवाह ने प्रभावित किया दी।

संजय भास्‍कर said...

हर शब्‍द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

कानाराम सीरवी said...

साथ मिला बस चन्द कदमों का
पर भाव मिला जन्मों जन्मों का