न वहाँ पर है चैन यहाँ पर न खुशियाँ

"न वहाँ पर है चैन यहाँ पर न खुशियाँ "
 
न वहाँ पर है चैन, यहाँ पर न खुशियाँ । 
जाऊँ फिर कहाँ, पाऊँ मैं न पंथियाँ । 
है नन्हा सा दिल, कह सके सारी रतियाँ । 
पाऊँ मैं न ठौर, कहूँ कैसे बतियाँ । 
न वहाँ पर है चैन................ । 
 थी मुद्दत से मेरी, तमन्ना यही कि । 
कोई मुझको मिल जाए, कह दूँ उसे कि । 
हो चाहत तुम मेरी, इबादत भी तुम हो । 
रहूँ मैं सदा बनके, तुम्हरी ही अँखियाँ । 
न वहाँ पर है चैन ................. । 
 दिल की लगी अब, सहा भी न जाए । 
कहूँ अब मैं कैसे, कहा भी न जाए । 
मिला है तो बस, अब मेरे लब सिले हैं । 
खामोशियाँ हैं, बेबस हूँ मैं तो । 
न वहाँ पर है चैन ........... । 
 - कुसुम ठाकुर -

10 comments:

Unknown said...

अभिनव गीत.........

दीपोत्सव की बधाई !

Kusum Thakur said...

धन्यवाद अलबेला जी ,
आपको भी दीपावली की बधाई !!!

Mishra Pankaj said...

सुन्दर कविता सुमन जी बधाई
दीपावली की बधाई

Ambarish said...

sundar rachna..

Kusum Thakur said...

सभी साथियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामना एवम बधाई !!!!!

श्यामल सुमन said...

थी मुद्दत से मेरी, तमन्ना यही कि ।
कोई मुझको मिल जाए, कह दूँ उसे कि ।
हो चाहत तुम मेरी, इबादत भी तुम हो ।
रहूँ मैं सदा बनके, तुम्हरी ही अँखियाँ ।

भाव अभिव्यक्ति की आपकी छन्दबद्ध कोशिश पसन्द आयी। जब उक्त पंक्तियों को पढ़ रहा था तो बरबस दीप्ती मिश्र की पंक्तियाँ याद आयीं-

वो नहीं मेरा मगर उससे मुहब्बत है तो है।
ये अगर रस्मों रिवाजों से बगावत है तो है।।

कब कहा मैंने कि वो मिल जाएँ मुझको, मैं उसे।
गैर न हो जाए वो बस इतनी हसरत है तो है।।

दीपावली की शुभकामनाएँ।
www.manoramsuman.blogspot.com

Udan Tashtari said...

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

सादर

-समीर लाल 'समीर'

SACCHAI said...

" behtarin bahut hi umda "

----eksacchai { aawaz }

http://eksacchai.blogspot.com

vikram7 said...

दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

ghughutibasuti said...

बहुत सुन्दर रचना है। शब्द आपके हैं किन्तु भाव अनेकों के मन के हैं। बधाई।
घुघूती बासूती