मेरी यादें मेरे भाव

मेरी यादें मेरे भाव

यादों और संस्मरणों को ,
भावों में व्यक्त करूँ कैसे ?
यादों को गीतों में पिरो दूँ ,
वह गीत सुनाऊँ किसको ?
भावों की उन पंखुडियों को ,
मैं अर्पण करूँ किसको ?
यादों से क्या मिले सुकून ,
यह प्रश्न मैं पूछूँ किससे ?
भाव तो मुझे लगे स्वभाविक ,
पर प्रर्दशित करूँ कैसे ?
यादों को सहेज ध्यान में ,
भाव कुसुम त्यागूँ कैसे ?

-कुसुम ठाकुर -

3 comments:

Mishra Pankaj said...

bahoot khoob kusum jee

ओम आर्य said...

बेहद खुबसूरत रचना....

Kusum Thakur said...

धन्यवाद ...