संघर्ष में ही जीवन

"संघर्ष में ही जीवन"


रस्ते चली मैं जिस पर, छोडूँ उसे मैं कैसे ?
गैरों से न हूँ परेशां, खुद पर सितम न कम हो ।।


धिक्कार है मनुज को, अधिकार न दिया जो ,
संघर्ष में ही जीवन, संताप भी न कम हो ।।


जीवन के इस सफ़र में, मिलते तो सेज दोनों ,
फूलों की सेज पाकर, काँटों की चुभन न कम हो ।।


हौसला कहूँ उसे या, जज्बा है क्या न जानूं ।
अभिसार जिंदगी का, मुस्कान से न कम हो ।।


कुसुम की कामना है, मनुज के ही काम आए ,
बागों और घरों की,शोभा भी न कम हो ।।

-कुसुम ठाकुर -

12 comments:

Anonymous said...

वाह बहुत खूब,
सुन्दर कविता है.
आपको बधाई

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

एक एक शब्द जीवंत हो कर बोल रहे हैं .... खुद-ब-खुद ....

बहुत सुंदर रचना....

Anonymous said...

धिक्कार है मनुज को, अधिकार न दिया जो ,
संघर्ष में ही जीवन, संताप भी न हो कम ।।
मुझे भी लगता है गलती यहीं है - सच्ची रचना - आभार.

SACCHAI said...

" her alfaz jeet leta hai dil bahut hi khubsurat rachana "

धिक्कार है मनुज को, अधिकार न दिया जो ,
संघर्ष में ही जीवन, संताप भी न हो कम ।।


जीवन के इस सफ़र में, मिलते तो सेज दोनों ,
फूलों की सेज पाकर, काँटों की चुभन न कम हो ।।

----- eksacchai { AAWAZ }

http://eksacchai.blogspot.com

Unknown said...

अभिसार जिंदगी का, मुस्कान से न कम हो
बहुत अच्छी लाईन हैं
मन से लिखी गयी लाईने हैं

दीपक 'मशाल' said...

पूरी कविता ही शानदार बन पड़ी है कुसुम जी...
गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें....
जय हिंद... जय बुंदेलखंड...

संजय भास्‍कर said...

बहुत सुंदर गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाऎं

गौतम राजऋषि said...

बहुत सुंदर लिखा है दी।
"जीवन के इस सफ़र में, मिलते तो सेज दोनों ,
फूलों की सेज पाकर, काँटों की चुभन न कम हो "

बहुत खूब...और अंतिम पंक्तियों में "कुसुम" को बड़े अच्छे से इस्तेमाल किया है आपने।

निर्मला कपिला said...

हौसला कहूँ उसे या, जज्बा है क्या न जानूं ।
अभिसार जिंदगी का, मुस्कान से न कम हो ।।
कुसुम जी बहुत सुन्दर रचना है शुभकामनायें

Kusum Thakur said...

आप सभी साथी ब्लोगरों को उत्साह वर्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !!

Unknown said...

कुसुम की कामना है, मनुज के ही काम आए ,
बागों और घरों की,शोभा भी न कम हो ।।
kusum ji bahuthi nek vichaaron ko aapne kavita mein peeroya hai ..sadhuwad

Unknown said...

nice poem