मित्रता

मित्रता

किसी ने कहा
वह मेरा दोस्त है
मेरे बचपन का साथी
हम साथ पढ़े और बढे हैं
क्या इस उम्र मे अब
ऐसा साथी बन सकता है
मैं बोली यह न है सच
साथी या दोस्त
कब कहाँ मिल बन जाए
कहना बहुत मुश्किल है
हाँ सच्चा दोस्त
केवल किस्मत वालों
को ही मिलता है
चाहे बचपन मे मिले
या बुढापे मे।

-कुसुम ठाकुर-


4 comments:

श्यामल सुमन said...

बहुत खूब।

दोस्त कौन कब कहाँ मिलेंगे यह किस्मत की बात।
सत्य वचन सच्चे दोस्तों का मिलना है सौगात।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

Vidya Mishra said...

Didi ,
R you talking about me ?? I mean we are more friends than sisters ...Sachche dost kab kahaan aur kis roop main mile ...keh nahin saktey !!!!

Thats true !!!

Binny

Udan Tashtari said...

सत्य वचन!!

Anonymous said...

कविता के बहाने सुन्दर भावाभिव्यक्ती.
ढेरो बधाई