"हार मिली पर हार वही"
है चाहत हर बार वही
क्यों रहता ना प्यार वही
आती जाती यादों पर
हो अपना अधिकार वही
प्यार सदा सच कहता है
हार मिली पर हार वही
प्यार कला है जीने की
तब जगमग संसार वही
समझ कुसुम नैनों की भाषा
प्रेम सहज हर बार वही
-कुसुम ठाकुर-
है चाहत हर बार वही
क्यों रहता ना प्यार वही
आती जाती यादों पर
हो अपना अधिकार वही
प्यार सदा सच कहता है
हार मिली पर हार वही
प्यार कला है जीने की
तब जगमग संसार वही
समझ कुसुम नैनों की भाषा
प्रेम सहज हर बार वही
-कुसुम ठाकुर-
4 comments:
प्रेम भरी सुन्दर सादी सी ग़ज़ल ...
धन्यवाद !!
सादगी और प्यार का अद्भुत समन्वय
सुन्दर ग़ज़ल
Post a Comment