उसे तोड़ खुश होता क्यूँ है ?


"उसे तोड़ खुश होता क्यूँ है"

जो आता है जाता क्यूँ है ?
और बेबस इतने पाता क्यूँ हैं ? 

 सज़ा मिले सत्कर्मों की 
यह सोच हमें सताता क्यूँ है ? 

सच्चाई की राह कठिन है 
उसपर चलकर  रोता क्यूँ है ? 

है राग वही रागनी भी वही 
फिर गीत नया भाता क्यूँ है ? 

ममता तो अनमोल है फिर 
  वंचित उससे रहता क्यूँ है ? 

माली सींचे जिस सुमन को   
उसे तोड़ खुश होता क्यूँ है ?

प्यार कुसुम सच्चा जो कहो 
प्रतिबन्ध लगाता क्यूँ है ?   

-कुसुम ठाकुर-

6 comments:

Smart Indian said...

कठिन प्रश्न हैं!

Anonymous said...

प्यार कुसुम सच्चा जो कहो
क्या जाने प्रतिबन्ध क्यूँ है ?

इन प्रश्नों में ही जीवन ... सुंदर अभिव्यक्ति

गुड्डोदादी said...

है राग वही रागनी भी वही फिर गीत नया भाता क्यूँ है ?

बहुत भावपूर्ण
मोहब्बत की राहों पे चलना संभल के
यहाँ जो भी आया गया हाथ मल के

Shanti Garg said...

बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

lata said...

Sach hi sab ko bhata hai isiliye todha bhi jata hai.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सार्थक प्रश्न हैं ... सुंदर प्रस्तुति