"जो कह न सको तो"
वो भी कैसा प्यार जो कह न सको तो
दिल में उठे बयार जो कह न सको तो
यूँ दूरियाँ सही पर दिल के करीब है जो
मिलने का इंतजार जो कह न सको तो
लम्बे सफर के सँग ही मजबूरियाँ बहुत
आयेगा क्या करार जो कह न सको तो
क्या प्यार रह सका है वश में किसी के
होते हैं दिल पे वार जो कह न सको तो
दिल में उसे बसाया जो स्वप्न था कुसुम का
दीदार में है प्यार जो कह न सको तो
- कुसुम ठाकुर-
7 comments:
सच कहा वो कैसा प्यार जो कहा ना जा सके………।सुन्दर भावाव्यक्ति।
मानव मन के कोमल भाव और उस की मजबूरी को बयां करती सुन्दर ग़ज़ल कुसुम जी - आपके ही तर्ज पर कुछ जोड़ देता हूँ -
हालात कुसुम दिल के कहती ग़ज़ल यहाँ
दिल में सुमन गुबार जो कह न सको तो
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
http://www.manoramsuman.blogspot.com
http://meraayeena.blogspot.com/
http://maithilbhooshan.blogspot.com/
bahut sahi aapne
bahut khub
आपकी ग़ज़ल वाकई में बहुत खूबसूरत है!
लम्बे सफर के सँग ही मजबूरियाँ बहुत
आयेगा क्या करार जो कह न सको तो
बहुत अच्छे शेर, मुबारक हो
ग़ज़ल खूबसूरत है!
खूबसूरत गज़ल
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