"जो कह न सको तो"
वो भी कैसा प्यार जो कह न सको तो
दिल में उठे बयार जो कह न सको तो
यूँ दूरियाँ सही पर दिल के करीब है जो
मिलने का इंतजार जो कह न सको तो
लम्बे सफर के सँग ही मजबूरियाँ बहुत
आयेगा क्या करार जो कह न सको तो
क्या प्यार रह सका है वश में किसी के
होते हैं दिल पे वार जो कह न सको तो
दिल में उसे बसाया जो स्वप्न था कुसुम का
दीदार में है प्यार जो कह न सको तो
- कुसुम ठाकुर-