शहीदों की बयां करना


"शहीदों की बयां करना "

देश की आन में जीना,
उसी की शान में मरना 
कहो किस्सा पुराना है,
जज्बा न कम करना 

हम आज़ाद हुए तो क्या ,
कीमत की लाज बस रखना 
अब स्वछन्द हम विचरें,
मगर संताप से डरना 

लगे देश भक्ति की रंग में,
दिखे हैं अब यही कहना 
मगर देश भक्तों की टोली,
छलावे से बस दूर रहना

झंडा और प्रभात फेरी,
बस फैशन ही उसे माना 
ना कीमत है न कसमे हैं ,
बस शहीदों की बयां करना 
देश की आन में ...... ......

- कुसुम ठाकुर -

10 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत सुन्दर देशभक्ति से ओत-प्रोत रचना है। बधाई।

देश की आन में जीना,
उसी की शान में मरना ।
कहो किस्सा पुराना है,
जज्बा न कम करना ।

मनोज कुमार said...

उत्तम अभिव्यक्ति।
स्वतंत्रता दिवस की बधाइयां और शुभकामनाएं।

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

सांस का हर सुमन है वतन के लिए
जिन्दगी एक हवन है वतन के लिए
कह गई फ़ांसियों में फ़ंसी गरदने
ये हमारा नमन है वतन के लिए

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

M VERMA said...

सुन्दर जज्बा
बहुत बढिया

संजय भास्‍कर said...

स्‍वत्तंत्रता दिवस की बहुत बधाई और शुभकामनाएं

Pankaj Trivedi said...

कहो किस्सा पुराना है,
जज्बा न कम करना ।

कुसुमजी,
बहुत ही जज़बाती भावना के साथ देश भक्ति की आराधना है | गौरवपूर्ण इतिहास से हमें सीखना है और जज्बे से जीना है | धन्यवाद | बधाई |

Shayar Ashok : Assistant manager (Central Bank) said...

सुन्दर अभिव्यक्ति ||
स्‍वत्तंत्रता दिवस की शुभकामनाएं ||

ritu singh said...

u r d best.... u write so well... i'm really fond of reading all ur write ups...

Anonymous said...

देशभक्ति से ओत-प्रोत रचना.

बधाई।

Kusum Thakur said...

आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद !!