प्राकृतिक आपदा पर तो किसी का वश नहीं होता। परन्तु जब बच्चे या प्रिय जन साथ में न होकर हजारों मील दूर या दूसरे देश में हों तो किसी भी तरह के आपदा के आने पर चिंता होना स्वाभाविक है। अमेरिका के न्यू जर्सी में मेरा छोटा बेटा रहता है जहाँ से मैनहैटन (न्यू यार्क) जाने में आधे घंटा लगता है। वैसे मैं साल में एकबार 3-4 महीने के लिए अमेरिका आती हूँ। जब भारत में रहती हूँ तो अमेरिका में होने वाले आपदा आने पर चिंतित हो उठती हूँ। हर पल फोन और नेट से बेटे से समाचार लेती रहती हूँ। तूफ़ान सैंडी में मुझे छोड़ मेरा पूरा परिवार ही न्यू यार्क में ही था मेरा पोता तो उस समय मात्र 3 महीने का था।
न्यू यार्क शहर काम पर जाने वाले हजारों लोगों के यातायात का मुख्य साधन ट्रेन है। सैंडी ने ऐसी तबाही मचाई कि सारे स्टेशनों में पानी घुस गया। स्थिति फिर से सामान्य होने में कई दिन लग गए। मौसम विभाग के अग्रिम सूचना के बावजूद तूफ़ान सैंडी ने अमेरिका के कुछ भागों को भारी क्षति पहुंचाई थी। खासकर तटीय इलाके में तो कई लोगों के पूरा का पूरा घर ही तबाह हो गया। जहाँ तहाँ पेड़ गिर जाने की वजह से बिजली की आपूर्ति में काफी दिक्कत हुई। उस समय मैं हर पल की खबर लेने के लिए या तो नेट पर रहती थी या फिर फ़ोन से बातें कर मन को ढाढस मिलता।
आजकल मैं अमेरिका में हूँ गुरूवार रात से शुक्रवार सारा दिन और रात बर्फानी तूफ़ान ने अमेरिका के उत्तरी भाग में तबाही मचाई। अमेरिका के मौसम विभाग ने ज्यों ही बर्फानी तूफ़ान नीमो के आने की अग्रिम सूचना देना शुरू किया रोड आइलैंड , कनेक्टिकट, मैसाचुसेट्स, न्यू हम्शायर एवं न्यू यॉर्क में शुक्रवार को आपात स्थिति घोषित कर दिया गया। लोगों को अपने अपने जरूरत के सामान रखने और घरों से बाहर न निकालने की हिदायत भी दे दी गई। समाचार एवं नेट पर हर जगह चेतावनी आने लगी। बर्फबारी शुरू होने से पहले ही एहतियात के तौर पर करीब 4700 उड़ाने रद्द कर दी गई।
घर के पीछे का जंगल |
मैं भी अमेरिका के मौसम का मिजाज थोड़ा बहुत समझने लगी हूँ। गुरूवार को सुबह से ही बिलकुल शांत वातावरण देखकर अनुमान हो गया कि बर्फबारी होना ही होना है। शाम होते होते बर्फ़बारी शुरू हो गई। सुबह तक कम से कम 3 इंच तक बर्फ जमा हो गया शुक्रवार सारा दिन बर्फ़बारी होती रही शाम को काफी तेज हवा की वजह से तापमान काफी कम हो गया। सुबह 4 बजे एक प्रकार की मशीन की आवाज से नींद खुली। खिड़की से बाहर झांकी तो तो करीब 2 फुट बर्फ की चादर चारों और बिछी थी। चारों और बर्फ ही बर्फ था। मैं भी पहली बार इतनी बर्फबारी देखी थी। मैं एक बार बर्फ से बिछी अद्भुत दृश्य को देखती और एक बार बड़ा सा बर्फ काटने की मशीन सडक के एक छोड़ से दूसरे छोड़ आ जा रही थी उसे। पर वह भी प्रतीत होता था मानो बर्फ के ऊपर ही ऊपर जा रहा हो। कई घंटे के बाद सड़क नजर आने लगा। मैं अपने कमरे से उतरकर नीचे गई, घर के पीछे जंगल है। जंगल देख मैं वहीँ खडी हो देखती रह गई क्या दृश्य था , पूरे जंगल में बर्फ की मोई परत और बीच बीच में पत्ता विहीन पेड़ जिनपर बर्फ गिरे हुए थे।
बर्फ हटाने के बाद सड़क |
आम दिनों की तरह हम फिरसे नेट पर एवं टीवी में समाचार देखने लगे। बोस्टन और एक दो शहर और पर तूफ़ान का सबसे ज्यादा असर था। कुछ इलाके की बिजली ऐतिहात के तौर पर काट दी गयी थी। आपदा पर किसी का वश नही होता है। वश में होता है सतर्कता और आपदा के बाद एक दूसरे या पीड़ितों की सहायता करना। यहाँ आपात की घोषणा होते ही मौलिक सुविधाओं से सम्बंधित विभाग और तंत्र की सतर्कता एवं तत्परता सच में प्रशंसनीय है। बर्फ के अम्बार लगे हैं जिन्हें गलने में कम से कम महीना दिन तो लगेगा ही, परन्तु सड़कें पूर्ववत साफ़ सुथरी। जन जीवन सामान्य होने में बिलकुल ही समय नहीं लगा।