"उसे तोड़ खुश होता क्यूँ है"
जो आता है जाता क्यूँ है ?
और बेबस इतने पाता क्यूँ हैं ?
सज़ा मिले सत्कर्मों की
यह सोच हमें सताता क्यूँ है ?
सच्चाई की राह कठिन है
उसपर चलकर रोता क्यूँ है ?
है राग वही रागनी भी वही
फिर गीत नया भाता क्यूँ है ?
ममता तो अनमोल है फिर
वंचित उससे रहता क्यूँ है ?
माली सींचे जिस सुमन को
उसे तोड़ खुश होता क्यूँ है ?
प्यार कुसुम सच्चा जो कहो
प्रतिबन्ध लगाता क्यूँ है ?
-कुसुम ठाकुर-
कठिन प्रश्न हैं!
ReplyDeleteप्यार कुसुम सच्चा जो कहो
ReplyDeleteक्या जाने प्रतिबन्ध क्यूँ है ?
इन प्रश्नों में ही जीवन ... सुंदर अभिव्यक्ति
है राग वही रागनी भी वही फिर गीत नया भाता क्यूँ है ?
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण
मोहब्बत की राहों पे चलना संभल के
यहाँ जो भी आया गया हाथ मल के
बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
Sach hi sab ko bhata hai isiliye todha bhi jata hai.
ReplyDeleteसार्थक प्रश्न हैं ... सुंदर प्रस्तुति
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