"भय हरण कालिका"
जय जय जग जननि देवी
सुर नर मुनि असुर सेवी
भुक्ति मुक्ति दायिनी भय हरण कालिका।
जय जय जग जननि देवी।
मुंडमाल तिलक भाल
शोणित मुख लगे विशाल
श्याम वर्ण शोभित, भय हरण कालिका।
जय जय जग जननि देवी ।
हर लो तुम सारे क्लेश
मांगूं नित कह अशेष
आयी शरणों में तेरी, भय हरण कालिका ।
जय जय जग जननि देवी ।
माँ मैं तो गई हूँ हारी
माँगूं कबसे विचारी
करो अब तो उद्धार तुम, भय हरण कालिका ।
जय जय जग जननि देवी ।
-कुसुम ठाकुर-
जय जय जग जननि देवी ..
ReplyDelete..दीपावली की शुभकामनाएँ !!
बहुत सुन्दर ...
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
बहुत सुंदर ....दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteदीवाली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|
ReplyDeleteबहुत सुन्दर्……………।दीपावली पर्व पर आपको और आपके परिवारजनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं
ReplyDeleteचर्चा मंच परिवार की ओर से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteआइए आप भी हमारे साथ आज के चर्चा मंच पर दीपावली मनाइए!
सुन्दर!
ReplyDeleteशुभ दीपावली!