Sunday, July 24, 2011

जो कह न सको तो


"जो कह न सको तो"

 वो भी कैसा प्यार जो कह न सको तो 
दिल में उठे बयार जो कह न सको तो

यूँ दूरियाँ सही पर दिल के करीब है जो 
मिलने का इंतजार जो कह न सको तो 

लम्बे सफर के सँग ही मजबूरियाँ बहुत 
आयेगा क्या करार जो कह न सको तो 

क्या प्यार रह सका है वश में किसी के   
 होते हैं दिल पे वार जो कह न सको तो 

दिल में उसे बसाया जो स्वप्न था कुसुम का 
दीदार में है प्यार जो कह न सको तो 

- कुसुम ठाकुर-

7 comments:

  1. सच कहा वो कैसा प्यार जो कहा ना जा सके………।सुन्दर भावाव्यक्ति।

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  2. मानव मन के कोमल भाव और उस की मजबूरी को बयां करती सुन्दर ग़ज़ल कुसुम जी - आपके ही तर्ज पर कुछ जोड़ देता हूँ -

    हालात कुसुम दिल के कहती ग़ज़ल यहाँ
    दिल में सुमन गुबार जो कह न सको तो

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    http://www.manoramsuman.blogspot.com
    http://meraayeena.blogspot.com/
    http://maithilbhooshan.blogspot.com/

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  3. आपकी ग़ज़ल वाकई में बहुत खूबसूरत है!

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  4. लम्बे सफर के सँग ही मजबूरियाँ बहुत
    आयेगा क्या करार जो कह न सको तो
    बहुत अच्छे शेर, मुबारक हो

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