Saturday, August 14, 2010

शहीदों की बयां करना


"शहीदों की बयां करना "

देश की आन में जीना,
उसी की शान में मरना 
कहो किस्सा पुराना है,
जज्बा न कम करना 

हम आज़ाद हुए तो क्या ,
कीमत की लाज बस रखना 
अब स्वछन्द हम विचरें,
मगर संताप से डरना 

लगे देश भक्ति की रंग में,
दिखे हैं अब यही कहना 
मगर देश भक्तों की टोली,
छलावे से बस दूर रहना

झंडा और प्रभात फेरी,
बस फैशन ही उसे माना 
ना कीमत है न कसमे हैं ,
बस शहीदों की बयां करना 
देश की आन में ...... ......

- कुसुम ठाकुर -

10 comments:

  1. बहुत सुन्दर देशभक्ति से ओत-प्रोत रचना है। बधाई।

    देश की आन में जीना,
    उसी की शान में मरना ।
    कहो किस्सा पुराना है,
    जज्बा न कम करना ।

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  2. उत्तम अभिव्यक्ति।
    स्वतंत्रता दिवस की बधाइयां और शुभकामनाएं।

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  3. सांस का हर सुमन है वतन के लिए
    जिन्दगी एक हवन है वतन के लिए
    कह गई फ़ांसियों में फ़ंसी गरदने
    ये हमारा नमन है वतन के लिए

    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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  4. सुन्दर जज्बा
    बहुत बढिया

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  5. स्‍वत्तंत्रता दिवस की बहुत बधाई और शुभकामनाएं

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  6. कहो किस्सा पुराना है,
    जज्बा न कम करना ।

    कुसुमजी,
    बहुत ही जज़बाती भावना के साथ देश भक्ति की आराधना है | गौरवपूर्ण इतिहास से हमें सीखना है और जज्बे से जीना है | धन्यवाद | बधाई |

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  7. सुन्दर अभिव्यक्ति ||
    स्‍वत्तंत्रता दिवस की शुभकामनाएं ||

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  8. u r d best.... u write so well... i'm really fond of reading all ur write ups...

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  9. देशभक्ति से ओत-प्रोत रचना.

    बधाई।

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  10. आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद !!

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