"न्यू यॉर्क का इंडिया डे परेड "
२००८ के १५ अगस्त को मैं कैलिफोर्निया में थी और भारतीयों द्वारा मनाया जाने वाला स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम देख मुझे अच्छा तो लगा ही था साथ ही गर्व भी महसूस हुआ था . बहुत दिनों से सुनती थी वाशिंगटन और न्यू यॉर्क में इंडिया डे परेड बहुत ही शान के साथ धूम धाम से मनाया जाता है . 14 th - 15 th दो दिनों तक एम्पायर स्टेट बिल्डिंग के शीर्ष पर भारत के झंडा के तीनो रंगों से रोशनी इस प्रकार की जाती है यह सुन मुझे भी अपने देश की शान, तिरंगा का यह पावन पर्व देखने की बहुत इच्छा होती थी . संयोगवश इस वर्ष मुझे यह मौक़ा मिल गया .
हमारे यहाँ कोई भी कार्यक्रम हो, इतनी भीड़ हो जाती है कि यदि आप विशिष्ट व्यक्ति हैं या किसी प्रकार विशिष्ट व्यक्तियों वाले निमंत्रण का इंतजाम कर लिया हो, तब तो ठीक है, वरना धक्का खाकर ही कोई कार्यक्रम देख सकते हैं वह भी ऐसी जगह से देखने का अवसर मिलेगा कि आप सिर्फ अनुमान लगा सकते हैं यह हुआ वह हुआ होगा . न सही सही किसी का चेहरा दिख पाता है न ही आप कार्यक्रम का आनंद ले सकते हैं . मैं स्वभाव वश भीड़ से दूर रहती हूँ . यही कारण है कि कई बार मन रहते हुए भी बहुत से कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले पाती या देख नहीं पाती .
4th जुलाई को अमेरका का स्वतंत्रता दिवस होता है पर उस दिन भीड़ की वजह से जाने की हिम्मत नहीं हुई थी . आज "इंडिया डे परेड " जाने का मन बना ली पर मन में एक शंका हो रही थी पता नहीं कहाँ से देख पाऊँगी और भीड़ कितनी होगी ? परेड 38th स्ट्रीट से शुरू होकर 26th स्ट्रीट तक जाती है. बेटे ने भी कहा भीड़ तो बहुत होगी . मैं प्रतिवर्ष १५ अगस्त और २६ जनवरी को सुबह सुबह तैयार हो जाती हूँ और झंडा को सलामी देने अवश्य जाती हूँ . पर इस बार कुछ अलग स लग रहा था . हम समय पर घर से निकले और 23 rd स्ट्रीट समय पर पहुँच गए . पर वहाँ की भीड़ देख सांत्वना मिली . मैं तो भूल ही गई थी, यहाँ कितनी भी भीड़ हो हमारे यहाँ की तरह नहीं हो सकती .
न्यू यॉर्क के मुख्य सड़क, एम्पायर स्टेट बिल्डिंग तथा बड़ी बड़ी इमारतों के बीच भारतीय स्वतंत्रता दिवस के परेड देखने आई थी, गर्व मिश्रित ख़ुशी का अनुभव लाज़मी था. 38 th स्ट्रीट पर उद्घाटन के साथ कुछ झाकियां दिखाई गई और फिर वहाँ से परेड शुरू होकर 26th स्ट्रीट तक गई . 26 th स्ट्रीट से 24 th स्ट्रीट तक खाने पीने के स्टाल लगे हुए थे और 23 rd स्ट्रीट पर एक भव्य स्टेज जहाँ सांस्कृतिक कार्यक्रम की व्यवस्था थी . इसबार मुख्य आकर्षण फिल्म जगत की प्रीटी जिंटा और त्रिनिदाद की प्रधान मंत्री कमला परसाद थीं .
सभी अपना स्थान ग्रहण किये हुए थे अर्थात प्रतीक्षा थी कब शान के साथ तिरंगा निकले . कार्यक्रम के साथ ज्यों ही तिरंगा नज़र आई देख अवश्य ही गर्व महसूस हो रही थी. घोड़ों पर जवान के हाथों में तीन झंडे थे दोनों तरफ अमेरिका एवम न्यू यॉर्क राज्य का झंडा और बीच में हमारा झंडा शान से लहराता हुआ आगे की ओर बढ़ रहा था . जिसे देख हम गर्व से फूले नहीं समां रहे थे .
झंडे के पीछे राजकीय बैंड की धुन सुन मन हर्षित हो गया . उस बैंड के पीछे सिलसिला शरू हुआ झाकियों का हर क्षेत्र से जुड़े भारतीयों ने अपनी अपनी झाकियां निकाली थी . सभी के हाथों में तिरंगा और उत्साह से "भारत माता की जय " "वन्दे मातरम" कहते, साथ में हम जैसे दर्शक भी उनका साथ दे रहे थे. सभी झंडा और हाथ हिला हिलाकर एक दूसरे का अभिवादन कर रहे थे .
एक एक कर सारी झांकियां जा रही थीं बीच बीच में न्यू यॉर्क के स्कूल के बच्चों का एवम वहाँ के स्थाई निकायों का बैंड देख महसूस हो रहा था मानो पूरा न्यू यॉर्क शहर ही हमारी ख़ुशी में शामिल हो और हमारे तिरंगा को सलामी दे रहा हो . एक एक कर सारी झाकियां चली गईं और कुछ लोग स्टेज की ओर अग्रसर होने लगे और कुछ वापस अपने घर .
हम भी वापस घर की ओर मुड़ गए . मेरे मन में अनेक प्रश्न थे जिसका जवाब खुद ही ढूंढ रही थी . एक प्रश्न मन में आया....क्या इस तरह के कार्यक्रम हमारे देश में संभव है ? अमेरका के व्यस्तम सड़कों पर इतनी आसानी और सहजता से कार्यक्रम........क्या कभी हमारे यहाँ भी हो सकता है . क्या हम भी कभी दूसरों को भी उतनी इज्जत दे पायेंगे ?
न्यू यॉर्क के मुख्य सड़क, एम्पायर स्टेट बिल्डिंग तथा बड़ी बड़ी इमारतों के बीच भारतीय स्वतंत्रता दिवस के परेड देखने आई थी, गर्व मिश्रित ख़ुशी का अनुभव लाज़मी था. 38 th स्ट्रीट पर उद्घाटन के साथ कुछ झाकियां दिखाई गई और फिर वहाँ से परेड शुरू होकर 26th स्ट्रीट तक गई . 26 th स्ट्रीट से 24 th स्ट्रीट तक खाने पीने के स्टाल लगे हुए थे और 23 rd स्ट्रीट पर एक भव्य स्टेज जहाँ सांस्कृतिक कार्यक्रम की व्यवस्था थी . इसबार मुख्य आकर्षण फिल्म जगत की प्रीटी जिंटा और त्रिनिदाद की प्रधान मंत्री कमला परसाद थीं .
सभी अपना स्थान ग्रहण किये हुए थे अर्थात प्रतीक्षा थी कब शान के साथ तिरंगा निकले . कार्यक्रम के साथ ज्यों ही तिरंगा नज़र आई देख अवश्य ही गर्व महसूस हो रही थी. घोड़ों पर जवान के हाथों में तीन झंडे थे दोनों तरफ अमेरिका एवम न्यू यॉर्क राज्य का झंडा और बीच में हमारा झंडा शान से लहराता हुआ आगे की ओर बढ़ रहा था . जिसे देख हम गर्व से फूले नहीं समां रहे थे .
झंडे के पीछे राजकीय बैंड की धुन सुन मन हर्षित हो गया . उस बैंड के पीछे सिलसिला शरू हुआ झाकियों का हर क्षेत्र से जुड़े भारतीयों ने अपनी अपनी झाकियां निकाली थी . सभी के हाथों में तिरंगा और उत्साह से "भारत माता की जय " "वन्दे मातरम" कहते, साथ में हम जैसे दर्शक भी उनका साथ दे रहे थे. सभी झंडा और हाथ हिला हिलाकर एक दूसरे का अभिवादन कर रहे थे .
एक एक कर सारी झांकियां जा रही थीं बीच बीच में न्यू यॉर्क के स्कूल के बच्चों का एवम वहाँ के स्थाई निकायों का बैंड देख महसूस हो रहा था मानो पूरा न्यू यॉर्क शहर ही हमारी ख़ुशी में शामिल हो और हमारे तिरंगा को सलामी दे रहा हो . एक एक कर सारी झाकियां चली गईं और कुछ लोग स्टेज की ओर अग्रसर होने लगे और कुछ वापस अपने घर .
हम भी वापस घर की ओर मुड़ गए . मेरे मन में अनेक प्रश्न थे जिसका जवाब खुद ही ढूंढ रही थी . एक प्रश्न मन में आया....क्या इस तरह के कार्यक्रम हमारे देश में संभव है ? अमेरका के व्यस्तम सड़कों पर इतनी आसानी और सहजता से कार्यक्रम........क्या कभी हमारे यहाँ भी हो सकता है . क्या हम भी कभी दूसरों को भी उतनी इज्जत दे पायेंगे ?
dur desh me bhi Bharat ki dhoom dekh accha laga
ReplyDeleteu r one of d few persons, whom i really admire & love from d bottom of my heart... 4 all ur wonderful thoughts & poems... & above all, 4 d kind of wonderful human being u r...
ReplyDeletebeautiful pictures....& great article...
Thanks Ritu !
ReplyDeleteआभार इस रपट का....
ReplyDeleteविदेश मे जब भारत का झंडा फ़हराता है तो बेहद गर्व महसूस होता है और आपने बहुत ही बढिया जानकारी दी………………काश आप ने जैसा कहा वैसा यहाँ भी हो पाये।
ReplyDeleteरोचक संसमरण।
ReplyDeleteBahut hi sundar report..
ReplyDeleteaabhaar..
वाह कुसुम जी,अमेरिका में भारत की स्वतंत्रता दिवस की झांकी दिखाने का आभार
ReplyDeleteबढिया रिपोर्टिंग है।
मैं परेशान हूँ--बोलो, बोलो, कौन है वो--
टर्निंग पॉइंट--ब्लाग4वार्ता पर आपकी पोस्ट
उपन्यास लेखन और केश कर्तन साथ-साथ-
मिलिए एक उपन्यासकार से
न्यूयॉर्क इंडिया परेड की फोटो और विवरण पढ़कर प्रसन्नता हुई की हमारे भारतीय दुनिया के किसी भी कोने में हो, मगर अपने देश के प्रति उत्तरदायित्व और सम्मान को नहीं भूलते | पूरी जानकारी देने के लिए आभारी हूँ |
ReplyDeletePlease, update yr blog... waiting.
ReplyDeleteअत्यंत सुखद लगा यह सब जानना...
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार इस सचित्र सुन्दर वर्णन के लिए...
आप सभी का आभार !!
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