Thursday, October 15, 2009

न वहाँ पर है चैन यहाँ पर न खुशियाँ

"न वहाँ पर है चैन यहाँ पर न खुशियाँ "
 
न वहाँ पर है चैन, यहाँ पर न खुशियाँ । 
जाऊँ फिर कहाँ, पाऊँ मैं न पंथियाँ । 
है नन्हा सा दिल, कह सके सारी रतियाँ । 
पाऊँ मैं न ठौर, कहूँ कैसे बतियाँ । 
न वहाँ पर है चैन................ । 
 थी मुद्दत से मेरी, तमन्ना यही कि । 
कोई मुझको मिल जाए, कह दूँ उसे कि । 
हो चाहत तुम मेरी, इबादत भी तुम हो । 
रहूँ मैं सदा बनके, तुम्हरी ही अँखियाँ । 
न वहाँ पर है चैन ................. । 
 दिल की लगी अब, सहा भी न जाए । 
कहूँ अब मैं कैसे, कहा भी न जाए । 
मिला है तो बस, अब मेरे लब सिले हैं । 
खामोशियाँ हैं, बेबस हूँ मैं तो । 
न वहाँ पर है चैन ........... । 
 - कुसुम ठाकुर -

10 comments:

  1. अभिनव गीत.........

    दीपोत्सव की बधाई !

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  2. धन्यवाद अलबेला जी ,
    आपको भी दीपावली की बधाई !!!

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  3. सुन्दर कविता सुमन जी बधाई
    दीपावली की बधाई

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  4. सभी साथियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामना एवम बधाई !!!!!

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  5. थी मुद्दत से मेरी, तमन्ना यही कि ।
    कोई मुझको मिल जाए, कह दूँ उसे कि ।
    हो चाहत तुम मेरी, इबादत भी तुम हो ।
    रहूँ मैं सदा बनके, तुम्हरी ही अँखियाँ ।

    भाव अभिव्यक्ति की आपकी छन्दबद्ध कोशिश पसन्द आयी। जब उक्त पंक्तियों को पढ़ रहा था तो बरबस दीप्ती मिश्र की पंक्तियाँ याद आयीं-

    वो नहीं मेरा मगर उससे मुहब्बत है तो है।
    ये अगर रस्मों रिवाजों से बगावत है तो है।।

    कब कहा मैंने कि वो मिल जाएँ मुझको, मैं उसे।
    गैर न हो जाए वो बस इतनी हसरत है तो है।।

    दीपावली की शुभकामनाएँ।
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  6. सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
    दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
    खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
    दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

    सादर

    -समीर लाल 'समीर'

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  7. " behtarin bahut hi umda "

    ----eksacchai { aawaz }

    http://eksacchai.blogspot.com

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  8. दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

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  9. बहुत सुन्दर रचना है। शब्द आपके हैं किन्तु भाव अनेकों के मन के हैं। बधाई।
    घुघूती बासूती

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