"न वहाँ पर है चैन यहाँ पर न खुशियाँ "
न वहाँ पर है चैन, यहाँ पर न खुशियाँ ।
जाऊँ फिर कहाँ, पाऊँ मैं न पंथियाँ ।
है नन्हा सा दिल, कह सके सारी रतियाँ ।
पाऊँ मैं न ठौर, कहूँ कैसे बतियाँ ।
न वहाँ पर है चैन................ ।
थी मुद्दत से मेरी, तमन्ना यही कि ।
कोई मुझको मिल जाए, कह दूँ उसे कि ।
हो चाहत तुम मेरी, इबादत भी तुम हो ।
रहूँ मैं सदा बनके, तुम्हरी ही अँखियाँ ।
न वहाँ पर है चैन ................. ।
दिल की लगी अब, सहा भी न जाए ।
कहूँ अब मैं कैसे, कहा भी न जाए ।
मिला है तो बस, अब मेरे लब सिले हैं ।
खामोशियाँ हैं, बेबस हूँ मैं तो ।
न वहाँ पर है चैन ........... ।
- कुसुम ठाकुर -
अभिनव गीत.........
ReplyDeleteदीपोत्सव की बधाई !
धन्यवाद अलबेला जी ,
ReplyDeleteआपको भी दीपावली की बधाई !!!
सुन्दर कविता सुमन जी बधाई
ReplyDeleteदीपावली की बधाई
sundar rachna..
ReplyDeleteसभी साथियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामना एवम बधाई !!!!!
ReplyDeleteथी मुद्दत से मेरी, तमन्ना यही कि ।
ReplyDeleteकोई मुझको मिल जाए, कह दूँ उसे कि ।
हो चाहत तुम मेरी, इबादत भी तुम हो ।
रहूँ मैं सदा बनके, तुम्हरी ही अँखियाँ ।
भाव अभिव्यक्ति की आपकी छन्दबद्ध कोशिश पसन्द आयी। जब उक्त पंक्तियों को पढ़ रहा था तो बरबस दीप्ती मिश्र की पंक्तियाँ याद आयीं-
वो नहीं मेरा मगर उससे मुहब्बत है तो है।
ये अगर रस्मों रिवाजों से बगावत है तो है।।
कब कहा मैंने कि वो मिल जाएँ मुझको, मैं उसे।
गैर न हो जाए वो बस इतनी हसरत है तो है।।
दीपावली की शुभकामनाएँ।
www.manoramsuman.blogspot.com
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
ReplyDeleteदीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
सादर
-समीर लाल 'समीर'
" behtarin bahut hi umda "
ReplyDelete----eksacchai { aawaz }
http://eksacchai.blogspot.com
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना है। शब्द आपके हैं किन्तु भाव अनेकों के मन के हैं। बधाई।
ReplyDeleteघुघूती बासूती