Tuesday, September 22, 2009

वे लम्हें

"वे लम्हें "


वे लम्हें भूले नहीं जाते ,
वे वादे चाहूँ भी न भूलूँ ।
पर यह कैसी मजबूरी ,
चाहकर, पाऊँ भी न तुमको ।

खुली हुई आँखों में तुम हो ,
बंद आँखों में भी बसा लूँ ।
व्याकुल हो ढूँढूँ मैं जब जब ,
चाहकर पाऊँ भी न तुमको ।

नैनो की भाषा भी तुम हो ,
चाहत की परिभाषा भी यही पर ,
सोचूँ तो लगे सपना सा ,
चाहकर पाऊँ भी न तुमको ।

अंसुवन की धार भी तुम हो ,
अंजन और श्रृंगार तुम्ही हो ।
पर करूँ कितना भी जतन मैं ,
चाहकर पाऊँ भी न तुमको ।




-कुसुम ठाकुर -

13 comments:

  1. भाव बढ़िया है...

    वे लम्हें भूली नहीं जातीं ....वे लम्हें भूले नहीं जाते....जैसी भटकनें खटकीं. देखियेगा. विचेदन मात्र है.

    मूल भाव बहुत बेहतरीन हैं.

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  2. धन्यवाद भूलें बताने के लिए ....

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  3. उन लम्हो का जबाव नही है ......आपके भाव बहुत ही सुन्दर होते है जैसे प्रकृति होती है वैसी ही भाव से सनी होती है आपकी रचनाये ......अतिसुन्दर!!!!!!!!!

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  4. अंसुवन की धार भी तुम हो ,
    अंजन और श्रृंगार भी तुम हो ।
    पर करूँ कितना भी जतन मैं ,
    चाहकर पाऊँ भी न तुमको ।
    bahut sundar panktiya ahi,badhai

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  5. अंसुवन की धार भी तुम हो ,
    अंजन और श्रृंगार भी तुम हो ।
    पर करूँ कितना भी जतन मैं ,
    चाहकर पाऊँ भी न तुमको ।
    bahut sundar panktiya ahi,badhai

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  6. आपके इस विरहगीत ने हमें भावुक कर दिया..........

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  7. धन्यवाद!!! आप सबों का स्नेह देखकर मैं भी भावुक हो गयी हूँ .....

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  8. खुली हुई आँखों में तुम हो ,
    बंद आँखों में भी बसा लूँ ।....

    bahut khoob..
    waise iska ulta jyada pasand hai mujhe..

    बंद आँखों में तुम हो ,
    खुली आँखों में भी बसा लूँ ।

    aapko kaisa laga.. jaroor batana..

    http://ambarishambuj.blogspot.com/

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  9. वे लम्हें भूले नहीं जाते ,
    वे वादे चाहूँ भी न भूलूँ ।
    पर यह कैसी मजबूरी ,
    चाहकर, पाऊँ भी न तुमको ।
    bahut sundar panktiyaan .

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  10. बहुत सुन्दर. जीवन सच में कुच्ह लमहों के इर्द गिर्द ही घूमता रह जाता है.
    घुघूती बासूती

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  11. खुली हुई आँखों में तुम हो ,
    बंद आँखों में भी बसा लूँ ।
    व्याकुल हो ढूँढूँ मैं जब जब ,
    चाहकर पाऊँ भी न तुमको ।.nice

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  12. " wah ! bahut hi bhavpurn aur behad hi rochak "

    ----- eksacchai { AAWAZ }

    http://eksacchai.blogspot.com

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