डॉ. मोहन राय एवं उनकी पत्नी डॉ. विमल यादव मयुर एवं अनुराधा के साथ
किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि हजारों को जीवन दान देने वाले डॉक्टर (cardiac thoracic surgeon)। जिसने कईयों को जीवन दान दिया हो कइयों की ह्रदय गति रुकने से बचाया हो वह अपने ही ह्रदय को नहीं समझ पायेगा। कैलिफोर्निया, ओरंज काउंटी (orange county) के रहने वाले लब्ध प्रतिष्ठित डॉ. मोहन राय का निधन १८ मई २००९ को ६५ वर्ष की आयु में उनके निवास पर ह्रदय गति रुक जाने से हो गयी।
डॉ. मोहन राय पूर्णिया(बिहार) के रहने वाले थे तथा उन्होंने अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई दरभंगा मेडिकल कॉलेज से की थी। इसी वर्ष फरवरी महीने में दरभंगा मेडिकल कॉलेज ने उनके सम्मान में एक द्वार बनवाया जिसका उदघाटन डॉ. राय के हाथों ही करवाया गया। यह उनकी अन्तिम भारत यात्रा थी।
यों तो मैं डॉ. राय से तीन बार मिली हूँ, पहली बार मेरे बेटे की शादी में दूसरी बार जब मैं कैलिफोर्निया(अमेरिका ) गयी थी तब फ्रीमोंट (Freemont) में, तीसरी बार जब मैं लॉसअन्जेल्स(Los Angeles) गयी थी तो उनके अनुरोध पर उनसे मिलने उनके यहाँ भी गयी थी पर पहले ही मुलाकात में मैं उनकी प्रशंसक बन गयी। एक उच्च विचार रखने वाले, मृदुभाषी डॉ. राय सही मायने में समाज सेवी भी थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति दें।
किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि हजारों को जीवन दान देने वाले डॉक्टर (cardiac thoracic surgeon)। जिसने कईयों को जीवन दान दिया हो कइयों की ह्रदय गति रुकने से बचाया हो वह अपने ही ह्रदय को नहीं समझ पायेगा। कैलिफोर्निया, ओरंज काउंटी (orange county) के रहने वाले लब्ध प्रतिष्ठित डॉ. मोहन राय का निधन १८ मई २००९ को ६५ वर्ष की आयु में उनके निवास पर ह्रदय गति रुक जाने से हो गयी।
डॉ. मोहन राय पूर्णिया(बिहार) के रहने वाले थे तथा उन्होंने अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई दरभंगा मेडिकल कॉलेज से की थी। इसी वर्ष फरवरी महीने में दरभंगा मेडिकल कॉलेज ने उनके सम्मान में एक द्वार बनवाया जिसका उदघाटन डॉ. राय के हाथों ही करवाया गया। यह उनकी अन्तिम भारत यात्रा थी।
यों तो मैं डॉ. राय से तीन बार मिली हूँ, पहली बार मेरे बेटे की शादी में दूसरी बार जब मैं कैलिफोर्निया(अमेरिका ) गयी थी तब फ्रीमोंट (Freemont) में, तीसरी बार जब मैं लॉसअन्जेल्स(Los Angeles) गयी थी तो उनके अनुरोध पर उनसे मिलने उनके यहाँ भी गयी थी पर पहले ही मुलाकात में मैं उनकी प्रशंसक बन गयी। एक उच्च विचार रखने वाले, मृदुभाषी डॉ. राय सही मायने में समाज सेवी भी थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति दें।
अच्छे लोग भगवान को भी प्यारे होते हैं .. उन्हें श्रद्धांजलि !!
ReplyDeleteI could know about the demise of Dr.Mohan Rai today on 28th July 2009 only when I surfed at random on the blogs of Kusum Thakur, my bhabhi.
ReplyDeleteI had seen Mohan rai's name top on the roll of honour of a particular batch in the dept.of Anatomy of the DMCH where I was a student.
had seen him once in our colleges's platinum jubilee. This year too I was supposed to attend but after retun from a long tour of Karnataka I did not get invitation from Prncipal or call from my friends who had of course tried when my mobile was off in south.
Dr. Mohan was a brillaint student and doctor though I never appreciate any intelligent's migration to west yet he had earned name and fame there and at Purnea too his house was aptly named,"Dollar House."
My homage to him.
And on 6th Dec.2009 at Purnea incidentally I was passed through the road where that Dollar House was!
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