Monday, January 11, 2016

वह रात मुझे डराती है

"वह रात मुझे डराती है "

वह रात मुझे डराती है 
जब याद तुम्हारी आती है 

दुःख की बातें याद नहीं
सुख सोच बहुत तडपाती है

व्याकुल हो जब भी ढूढूँ मैं
लगता मुझे चिढाती है

जीवन हो जीने की कला
यह सोच मुझे भरमाती है

साथी मुझसे छूटा जबसे
सपनो में सहलाती है

-कुसुम ठाकुर-

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