Friday, April 8, 2011

भारत चीन युद्ध के 49 वर्ष.


१९६२ का भारत चीन युद्ध को करीब ४९ वर्ष बीत गए, पर इन ४९ वर्षों में "सेवेन सिस्टर स्टेट्स" कहा जाने वाला अरुणाचल, सिक्किम, असम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर और मिजोरम यानि भारत का उत्तर पूर्व अब भी उपेक्षित राज्य हैं . आज भी यहाँ बुनियादी सुविधाओं की कमी है. 

७० के दशक में अरुणाचल से सटे भारत चीन सीमा रेखा बनाने के लिए भारत सरकार के कर्मचारी कई कई दिनों तक पैदल चलकर उस स्थान पर पहुँचते थे जहाँ उन्हें भारत और चीन की सीमा पर खम्भा डालना होता था. उनके साथ उनका सामान, सीमेंट, बालू इत्यादि ...और साथ में कारीगर होते थे. कई कई दिनों तक तम्बू में रहकर सीमा स्तम्भ (boarder pillar) बनाई जाती और तब वे वापस घर आते. इन ४० वर्षों में भी उस राज्य की स्थिति में कोई अंतर हो यह नहीं कहा जा सकता. भारत चीन सीमा को जाने वाली सड़क आज भी पूरी तरह तैयार नहीं है. जब कि आज के विकास को देखते हुए वहाँ सड़क और रेल दोनों की सुविधा होना चाहिए था. स्थिति ऐसी है कि यदि चीन आज हमला कर दे तो भारतीय सेना को वहाँ पहुँचने में कम से कम सात दिन लग जाएगा.

चहु दिशा में तरक्की करने वाला चीन की नीति है "राष्ट्र ने तय कर लिया तो देश हर कीमत देने को तैयार है ." और ऐसी नीति रखने वाला देश भारतीय सीमा को ध्यान में रखते हुए अपने "पीपल्स लिबरेशन आर्मी" यानि चीन की सेना को जाने के लिए हर तरफ से तैयार है. उन्होंने सड़क और रेल मार्ग तैयार कर रखा है साथ ही अब अपने सैनिकों को भी. चीनी सेना जिनका तीन नारा है ......"चुप रहकर काम करो, अपनी क्षमता बढाओ और अनुकूल समय देखकर वार करो ".


चीन ने अपनी सेना न सिर्फ भारत चीन सीमा पर बढ़ा दिया है बल्कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से लगे भारत की सीमा पर और भारत पाकिस्तान की सीमा से सटे सीमा नियंत्रण रेखा पर भी तैनात कर दी है. देश के वरिष्ठ सेना अधिकारी की चेतावनी और चिंता से यह अवश्य स्पष्ट है कि विषय गंभीर है और इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. देश की स्थिति ऐसी है कि यहाँ नेताओं को भ्रष्टाचार और अपने विपक्ष की छवि बिगड़ने की चिंता से फुर्सत ही नहीं है कि वे इस गंभीर विषय की ओर ध्यान दें. भारत चीन युद्ध को करीब पचास वर्ष हो गए. चीनी चीनी भाई भाई का नारा अब भी हम नहीं भूले हैं तो यह किसकी गलती है ? चिंता इस बात की है कि कहीं आज के भ्रष्ट नेताओं के स्वार्थ की बलि बेदी अरुणाचल और कश्मीर न चढ़ जाए.

1 comment:

  1. Nice one!

    But for your kind information Sikkim is not a part of seven-sisters or North-East of India.
    Here to be Tripura in place of Sikkim.

    With best regards
    Arbind

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