Sunday, May 30, 2010

मिले तुमको ख़ुशी यही मन में सदा

(आज मेरे लिए एक विशेष दिन है . मन में कुछ बातें आईं, सोची शब्दों में पिरो दूँ. )

"मिले तुमको ख़ुशी यही मन में सदा "

हो तो दूर मगर लगे पास यदा 
हर ख़ुशी जो मिले यह आशीष सदा 

है कचोट कहूँ जो मैं हूँ न वहाँ 
है वो बात कहाँ जो कहूँ मैं यदा  

धरूँ धीर सदा फिर न पीर कमा  
लगे कुछ न सही यही रीत बदा

तप ज्यों मैं करूँ रहे क्यों न भला 
यही मन में मेरे है जो बात सदा 

कहूँ कुछ न भला लगे राज बला 
मिले तुमको ख़ुशी यही मन में सदा 

- कुसुम ठाकुर -  

12 comments:

  1. "मिले तुमको ख़ुशी यही मन में सदा "
    very nice and thoughtful... and today, after so many days, met u.. :)

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  2. धन्यवाद विधु जी !!

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  3. beto ko janm divas ki bahut-bahut badhai

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  4. विशेष दिवस पर बहुत बहुत बधाई.

    बहुत उम्दा रचना!

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  5. बहुत सुंदर भाव

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  6. विशेष अवसरों पर विशेष यह आपकी रचना
    सुन्दर

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  7. काबिल-ए-तारीफ

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  8. बहुत बहुत बधाई विशेष दिन की।

    सुन्दर रचना है।

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  9. bete ko janamdin ki bahut bahut badhayi..........aapki likhi rachna mein aapki duaa aur aapka pyar jhalak raha hai.

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