(आज मेरे लिए एक विशेष दिन है . मन में कुछ बातें आईं, सोची शब्दों में पिरो दूँ. )
"मिले तुमको ख़ुशी यही मन में सदा "
हो तो दूर मगर लगे पास यदा
हर ख़ुशी जो मिले यह आशीष सदा
है कचोट कहूँ जो मैं हूँ न वहाँ
है वो बात कहाँ जो कहूँ मैं यदा
धरूँ धीर सदा फिर न पीर कमा
लगे कुछ न सही यही रीत बदा
तप ज्यों मैं करूँ रहे क्यों न भला
यही मन में मेरे है जो बात सदा
कहूँ कुछ न भला लगे राज बला
मिले तुमको ख़ुशी यही मन में सदा
- कुसुम ठाकुर -
"मिले तुमको ख़ुशी यही मन में सदा "
ReplyDeletevery nice and thoughtful... and today, after so many days, met u.. :)
धन्यवाद विधु जी !!
ReplyDeletebeto ko janm divas ki bahut-bahut badhai
ReplyDeleteविशेष दिवस पर बहुत बहुत बधाई.
ReplyDeleteबहुत उम्दा रचना!
बहुत सुंदर भाव
ReplyDeletesundar bhav, sundar vichar....
ReplyDeleteविशेष अवसरों पर विशेष यह आपकी रचना
ReplyDeleteसुन्दर
काबिल-ए-तारीफ
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई विशेष दिन की।
ReplyDeleteसुन्दर रचना है।
bete ko janamdin ki bahut bahut badhayi..........aapki likhi rachna mein aapki duaa aur aapka pyar jhalak raha hai.
ReplyDeletevery nice thoughts very nice
ReplyDeletevery nice thoughts very nice way
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