Tuesday, May 5, 2009

एक कलाकार को श्रधांजलि

श्री लल्लन प्रसाद ठाकुर
हर वर्ष मैं श्री लल्लन प्रसाद ठाकुर का जन्मदिवस अलग अलग ढंग से मानती आई हूँ। कभी विकलांगों के बीच समय बिताकर,कभी निःशुल्क चिकित्सा का आयोजन कर , कभी अनाथालय के बच्चों के बीच खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन कर , तो कभी दरिद्र नारायण भोज का आयोजन कर। पर मेरी ह्रदय से इच्छा थी कि कम से कम एक बार मैं उनकी लिखी नाटक का मंचन करवाऊं। अर्थात आयोजनवं निर्देशन दोनों ही मैं करुँ। श्री लल्लन प्रसाद ठाकुर एक अच्छे नाटककार के साथ, निर्देशक, गीतकार, एवं एक अच्छे अभिनेता भी थे जिन्हें रंगकर्मी कभी भूल नहीं सकते। पेशा से अभियंता होते हुए, नाटक एवं कला के प्रति उनकी असीम अभिरुचि थी। वे सदा अपनी मौलिक रचना का ही मंचन किया करते थे। उन्होंने कई हिन्दी एवं मैथिलि नाटक लिखी है। उनकी कई मैथिलि नाटक को अन्तराष्ट्री स्तर पर पुरस्कृत किया गया।" लोंगिया मिरचाइ "नाटक को कई अंतर्राष्ट्रीय मैथिलि नाटक प्रतियोगिता में पुरस्कार प्राप्त हुआ। ऐसे कलाकार के लिए इससे अच्छी श्रधांजलि क्या हो सकती है कि उन्हीं की लिखी हुई नाटक का मंचन उनके जन्म दिवस पर किया जाए। उनका जन्म ५ फरवरी तिथि नरकनिवारण को हुआ था और ५ फवरी २००८ को भी नरकनिवारण चतुर्दशी था अतः यह मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन था। मैं ने नाटक का आयोजन एवं निर्देशन किया जो दर्शकों को काफी पसंद आया
दीप प्रज्वलित करते मुख्य अतिथि टाटा स्टील के V.P. श्री हृदेश्वर झा दर्शक दीर्घा
मुख्य अतिथि का भाषण विशिष्ट अतिथि श्री दयानाथ झापहला दृश्य (घूटर) दिवाकर और घूटर

12 comments:

  1. दिवंगत कलाकार को नमन......... आपकी प्रस्तुति सराहनीय है......

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  2. मार्मिक और सुन्दर

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  3. please visit paraavaani..thanks for your comments on policing

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  4. आपका कार्य निस्न्देह स्तुत्य है ।

    मेरे ब्लॉग्स
    http://gazalkbahane.blogspot.com/ कम से कम दो गज़ल [वज्न सहित] हर सप्ताह
    http:/katha-kavita.blogspot.com/ दो छंद मुक्त कविता हर सप्ताह कभी-कभी लघु-कथा या कथा का छौंक भी मिलेगा
    सस्नेह
    श्यामसखा‘श्याम

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  5. आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . लिखते रहिये
    चिटठा जगत मैं आप का स्वागत है

    गार्गी

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  6. inse roobroo karane ke liye shukriya...aapne yahan prastut karke bahut prashansneey kaam kiya hai ...mera unko naman

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  7. हुज़ूर आपका भी .......एहतिराम करता चलूं .....
    इधर से गुज़रा था- सोचा- सलाम करता चलूं ऽऽऽऽऽऽऽऽ

    कृपया एक अत्यंत-आवश्यक समसामयिक व्यंग्य को पूरा करने में मेरी मदद करें। मेरा पता है:-
    www.samwaadghar.blogspot.com
    शुभकामनाओं सहित
    संजय ग्रोवर

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  8. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  9. बहुत सुंदर.हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। मेरे ब्लोग पर भी आने की जहमत करें।

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  10. आपकी भावनाओ को सलाम और दिवंगत कलाकार को सत सत नमन

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