Thursday, December 3, 2009

मुझको कब यह वक्त मिला

"मुझको कब यह वक्त मिला "

मुझको कब यह वक्त मिला
कि सोच सकूँ क्या है भला
और क्या बुरा मेरे जीवन
की इस तन्हाई मे ।

मैं कहाँ समझ पाई अपने
अन्दर के उन भावों को
और जो समझूं तो करूँ मैं कैसे
सिंचित उन ख्वाहिशों को ।

पाई ख़ुद को वीराने में
सोची उसको क्षणिक प्रपंच
जीवन का यह सफ़र भी लंबा
  लगता न  कम रेतीला ।

साथ मिला बस चन्द कदमों का
नेह तो अब भी हुआ न कम
साथ साथ तो चल न पाए
पथ प्रदर्शक बन गए हो तुम ।।

- कुसुम ठाकुर -

19 comments:

  1. "साथ मिला बस चन्द कदमों का"

    तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है अंधेरों से भी मिल रही रोशनी है ...

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  2. साथ साथ तो चल न पाये/पथ प्रदर्शक बन गये हो तुम.
    सुंदर भाव लिये हुये शब्द.

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  3. साथ मिला बस चन्द कदमों का
    नेह तो अब भी हुआ न कम
    साथ साथ तो चल न पाए
    पथ प्रदर्शक बन गए हो तुम ।।

    बहुत सुंदर !

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  4. तन्हाई में भी वक्त नही मिला , सही है

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  5. कविता के माध्यम से दिल की बात कही आपने

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  6. साथ मिला बस चन्द कदमों का
    नेह तो अब भी हुआ न कम
    साथ साथ तो चल न पाए
    पथ प्रदर्शक बन गए हो तुम ।।
    बहुत गहरे भाव लिये इस कविता के लिये बधाई

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  7. कम शब्दों में उम्दा।

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  8. मुझको कब यह वक्त मिला
    कि सोच सकूँ क्या है भला
    और क्या बुरा है मेरे जीवन
    की इस तन्हाई मे ।
    सच कहा है...वक़्त ही नहीं मिलता.जीवन की सच्चाइयों से रु-ब-रु होने का...सुन्दर रचना

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  9. "साथ मिला बस चन्द कदमों का,सुंदर भाव, शुभकामनाएं

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  10. मुझको कब यह वक्त मिला
    कि सोच सकूँ क्या है भला
    और क्या बुरा है मेरे जीवन
    की इस तन्हाई मे ।

    साथ मिला बस चन्द कदमों का
    नेह तो अब भी हुआ न कम
    साथ साथ तो चल न पाए
    पथ प्रदर्शक बन गए हो तुम ।।

    सही है पथ प्रदर्शक बनना आसन है साथ चलना कठिन..
    आप मेरे ब्लॉग पर आयीं मेरा हौसला बढाया...बहुत आभारी हूँ......

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  11. साथ मिला बस चन्द कदमों का
    नेह तो अब भी हुआ न कम

    यह रचना बहुत अच्छी लगी।

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  12. भावपूर्ण कविता,
    बधाई

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  13. सभी चिट्ठाकार साथियों को प्रतिक्रया के लिए आभार !

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  14. " bahut hi badhiya rachana ...bahut sunder aur shandar abhivyakti "

    ------ eksacchai { AAWAZ }

    http://eksacchai.blogspot.com

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  15. एक बार फिर से कविता के लय-प्रवाह ने प्रभावित किया दी।

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  16. हर शब्‍द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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  17. साथ मिला बस चन्द कदमों का
    पर भाव मिला जन्मों जन्मों का

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