"मुझको कब यह वक्त मिला "
मुझको कब यह वक्त मिला
कि सोच सकूँ क्या है भला
और क्या बुरा मेरे जीवन
की इस तन्हाई मे ।
मैं कहाँ समझ पाई अपने
अन्दर के उन भावों को
और जो समझूं तो करूँ मैं कैसे
सिंचित उन ख्वाहिशों को ।
पाई ख़ुद को वीराने में
सोची उसको क्षणिक प्रपंच
जीवन का यह सफ़र भी लंबा
लगता न कम रेतीला ।
साथ मिला बस चन्द कदमों का
नेह तो अब भी हुआ न कम
साथ साथ तो चल न पाए
पथ प्रदर्शक बन गए हो तुम ।।
- कुसुम ठाकुर -
मुझको कब यह वक्त मिला
कि सोच सकूँ क्या है भला
और क्या बुरा मेरे जीवन
की इस तन्हाई मे ।
मैं कहाँ समझ पाई अपने
अन्दर के उन भावों को
और जो समझूं तो करूँ मैं कैसे
सिंचित उन ख्वाहिशों को ।
पाई ख़ुद को वीराने में
सोची उसको क्षणिक प्रपंच
जीवन का यह सफ़र भी लंबा
लगता न कम रेतीला ।
साथ मिला बस चन्द कदमों का
नेह तो अब भी हुआ न कम
साथ साथ तो चल न पाए
पथ प्रदर्शक बन गए हो तुम ।।
- कुसुम ठाकुर -
बहुत सुंदर कविता.....
ReplyDelete"साथ मिला बस चन्द कदमों का"
ReplyDeleteतेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है अंधेरों से भी मिल रही रोशनी है ...
साथ साथ तो चल न पाये/पथ प्रदर्शक बन गये हो तुम.
ReplyDeleteसुंदर भाव लिये हुये शब्द.
साथ मिला बस चन्द कदमों का
ReplyDeleteनेह तो अब भी हुआ न कम
साथ साथ तो चल न पाए
पथ प्रदर्शक बन गए हो तुम ।।
बहुत सुंदर !
तन्हाई में भी वक्त नही मिला , सही है
ReplyDeleteकविता के माध्यम से दिल की बात कही आपने
ReplyDeleteसाथ मिला बस चन्द कदमों का
ReplyDeleteनेह तो अब भी हुआ न कम
साथ साथ तो चल न पाए
पथ प्रदर्शक बन गए हो तुम ।।
बहुत गहरे भाव लिये इस कविता के लिये बधाई
कम शब्दों में उम्दा।
ReplyDeleteमुझको कब यह वक्त मिला
ReplyDeleteकि सोच सकूँ क्या है भला
और क्या बुरा है मेरे जीवन
की इस तन्हाई मे ।
सच कहा है...वक़्त ही नहीं मिलता.जीवन की सच्चाइयों से रु-ब-रु होने का...सुन्दर रचना
"साथ मिला बस चन्द कदमों का,सुंदर भाव, शुभकामनाएं
ReplyDeleteमुझको कब यह वक्त मिला
ReplyDeleteकि सोच सकूँ क्या है भला
और क्या बुरा है मेरे जीवन
की इस तन्हाई मे ।
साथ मिला बस चन्द कदमों का
नेह तो अब भी हुआ न कम
साथ साथ तो चल न पाए
पथ प्रदर्शक बन गए हो तुम ।।
सही है पथ प्रदर्शक बनना आसन है साथ चलना कठिन..
आप मेरे ब्लॉग पर आयीं मेरा हौसला बढाया...बहुत आभारी हूँ......
soft n sweet poem...
ReplyDeleteसाथ मिला बस चन्द कदमों का
ReplyDeleteनेह तो अब भी हुआ न कम
यह रचना बहुत अच्छी लगी।
भावपूर्ण कविता,
ReplyDeleteबधाई
सभी चिट्ठाकार साथियों को प्रतिक्रया के लिए आभार !
ReplyDelete" bahut hi badhiya rachana ...bahut sunder aur shandar abhivyakti "
ReplyDelete------ eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
एक बार फिर से कविता के लय-प्रवाह ने प्रभावित किया दी।
ReplyDeleteहर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteसाथ मिला बस चन्द कदमों का
ReplyDeleteपर भाव मिला जन्मों जन्मों का