Monday, August 17, 2009

आपना तो बस आपना है


"अपना तो बस अपना है"

चाहे तुम कितना झुठलालो,
अपना तो बस अपना है।

कुछ भी कर लो ख़ुशी मना लो ,
पर अपनों की याद न छूटे,
अपनों से कितना भी रूठो ,
अपनों के साथ ही रुचे।

अपने देश की बात क्या कहना,
पास अगर तो मोल न समझें,
दूर हुए तो मन भर आये ,
उसकी मिट्टी को भी तरसें ।

-कुसुम ठाकुर -

4 comments:

  1. nice one i liked it keep it up

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  2. bahut barhia... isi tarah likhte rahiye

    http://hellomithilaa.blogspot.com
    mithilak gap maithili me

    http://mastgaane.blogspot.com
    manpasand gaane

    http://muskuraahat.blogspot.com
    Aapke bheje photo

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  3. अपने देश की बात क्या कहना,
    पास अगर तो मोल न समझें,
    दूर हुए तो मन भर आये ,
    उसकी मिट्टी को भी तरसें

    अपनों और अपनी मिट्टी से दूर होने के एहसास को आपने बखूबी बयां किया है। यदि मैं तुकबंदी करूँ तो-

    नैनों में बादल छा जाये
    अपनों खातिर नैना बरसे

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  4. धन्यवाद, बिनोद जी , हितेंद्र जी और सुमन जी।

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