मूल्य है हर पल का



"मूल्य है हर पल का"


मूल्य है हर उस पल का ,
चाहे सुख या दुःख के हों ।
दुःख की घड़ियाँ न रहे सब दिन ,
तो सुख की आस निरंतर क्यों हो ।


जो दुःख की घड़ियाँ सहज सँग हो ,
तो सुख बाँटन में भी सुख हो ।
जो मिल जाए, और विश्वास सँग हो ,
तो सुख और दुःख में भेद कम हो ।


सुख में उल्लास बढे विश्वास ,
दुःख में ही पहचान भी तो हो ।
आवे न जो दुःख, इस जीवन में ,
तो सुख का मोल, भी तो कम हो ।।

- कुसुम ठाकुर -


11 comments:

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

बहुत सुंदर रचना....

आभार.......

श्यामल सुमन said...

सुख दुख जीवन संगिनी पर दुख में पहचान।
सुख में खोये जो कभी जीवन से अनजान।।

सुन्दर भाव।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

daanish said...

दुःख की घड़ियाँ न रहे सब दिन ,
तो सुख की आस निरंतर क्यों हो ।

jeevan-darshan ki prasaangiktaa ko
khoob shabdon mei dhaal kar
ek achhee kavita ka nirmaan...
bahut behtar srijan ..

समयचक्र said...

बढ़िया रचना प्रस्तुति....

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

आवे न जो दुःख, इस जीवन में ,
तो सुख का मोल, भी तो कम हो ।।
सुख की पहचान दु:ख मिलने पर ही होती है। बहुत बढिया कविता- आभार

Udan Tashtari said...

बहुत बढ़िया रचना!

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया रचना है।बधाई।

Unknown said...

badhiya rachnaa...

pathneeya bhi sangrahneeya bhi...

abhinandan !

नीरज गोस्वामी said...

जो दुःख की घड़ियाँ सहज सँग हो ,
तो सुख बाँटन में भी सुख हो ।

सुन्दर शब्द और भाव लिए आपकी ये रचना अनुपम है...
नीरज

Kusum Thakur said...

आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद !!

गौतम राजऋषि said...

"जो दुःख की घड़ियाँ सहज सँग हो ,
तो सुख बाँटन में भी सुख हो"

सहज लय-प्रवाह लिये गुनगुनाने वाली रचना।